लिंगो पेन के भावनाओं के घोड़े
थम से गए है
जम गए हैं खदानों से उड़ते धूल
अट्ठारह वाद्यों में
गुम गए है आख्यान
आदिम गीतों में
शहर के पगधूलि नें कर
दिया है अपवित्र
पवित्र घोटुल को
प्रकृति का स्वर्गीय आनन्द
जहॉं अब कोई नहीं पाता.
अब चेलिक और मोटियारी
हाथों में हाथ ले
नहीं गाते रेला
नहीं उठते पैर
नृत्य के लिए
बेलौसा नहीं सिखाती प्यार
सरदार नहीं लगाता कोई जुर्माना
अब मुरिया बच्चों के लिए
खुल गए हैं स्कूल
जहॉं मास्टर नहीं आता.
... तमंचा रायपुरी
थम से गए है
जम गए हैं खदानों से उड़ते धूल
अट्ठारह वाद्यों में
गुम गए है आख्यान
आदिम गीतों में
शहर के पगधूलि नें कर
दिया है अपवित्र
पवित्र घोटुल को
प्रकृति का स्वर्गीय आनन्द
जहॉं अब कोई नहीं पाता.
अब चेलिक और मोटियारी
हाथों में हाथ ले
नहीं गाते रेला
नहीं उठते पैर
नृत्य के लिए
बेलौसा नहीं सिखाती प्यार
सरदार नहीं लगाता कोई जुर्माना
अब मुरिया बच्चों के लिए
खुल गए हैं स्कूल
जहॉं मास्टर नहीं आता.
... तमंचा रायपुरी