प्रस्तुति के दूसरे दिन विभिन्न समाचारों नें संयुक्त स्वर में इस नाटक की भूरि भूरि प्रशंसा की। समाचारों पत्रों नें लिखा कि, अपने ज्ञान से पूरी दुनिया को चमत्कृत करने वाले स्वामी विवेकानंद पर नाटक बनाना चुनौती भरा है लेकिन इसे बहुत जिम्मेदारी के साथ लोकरंग अरजुन्दा ने निर्वाह किया। वरिष्ठ रंग निर्देशक रामहृदय तिवारी ने बहुत शोधपूर्ण स्क्रिप्ट लिखा। इसके बाद उसका ध्वन्यांकन किया गया। इसके बाद ठेठ देहात के कलाकारों को लेकर लंबी रिहर्सल का दौर चला। यह प्रस्तुति केवल उपदेशात्मक नाटक नहीं है वरन यह आत्मगौरव जगाने वाली प्रस्तुति है। कई लोगों की प्रतिक्रिया थी कि इस नाटक से ही उन्हें स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन की बारीकियों को समझने का अवसर मिला। नाटक में संगीत दिया था पुराणिक साहू व नृत्य संयोजन सतीश साहू का था। नेपथ्य स्वर थे- सपन भट्टाचार्य, छाया चन्द्राकर, लक्ष्मी नान्द्रे, दीपक हटवार, संजय, घेवर, देवेन्द्र रामटेके आदि के। केन्द्रीय भूमिका में थे सतीश साहू व परमहंस के पात्र को जीवंत किया योगेश देशमुख ने। नाटक का मंचन लोकरंग संस्था के संचालक दीपक चंद्राकर और उनके साथियों ने किया। नाटक में स्वामी जी की भूमिका सतीश साहू तथा रामकृष्ण परमहंस की भूमिका योगेश देशमुख ने निभाई। संगीत व नृत्य का संयोजन पुराणिक-सतीश साहू ने तथा लाईट एंड साउंड का संचालन अजय व सोहन ने किया।
वरिष्ठ निर्देशक रामहृदय तिवारी को मानव रत्न सम्मान :- मंचन पूर्व वरिष्ठ निर्देशक रामहृदय तिवारी को लोकरंग परिवार की ओर से मानव रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान पिछले चार दशकों से हिन्दी रंगमंच के साथ-साथ छत्तीसगढ़ी लोकमंच के क्षेत्र में उनके निरंतर योगदान व दीर्घ सेवाओं के लिए दिया गया। इस अवसर पर लोकरंग अरजुन्दा के संस्थापक संचालक दीपक चन्द्राकर ने अपनी लोकमंचीय कलायात्रा की सफलता का श्रेय अपने कलागुरु श्री तिवारी को देते हुए उन्हें महागुरु बताया। कार्यक्रम के अध्यक्ष नगपुरा पाश्वर्तीर्थ के प्रमुख रावलमल जैन मणि ने कहा कि आज की प्रस्तुति प्रेरक व प्रभावी होगी। विशिष्ट अतिथि अभ्युदय संस्थान अछोटी के दार्शनिक संत राजन महाराज ने कहा कि श्री तिवारी का सम्मान अभिव्यक्ति की ऊंचाइयों को दिया गया सम्मान है।
(विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों के आधार पर)
वरिष्ठ निर्देशक रामहृदय तिवारी को मानव रत्न सम्मान :- मंचन पूर्व वरिष्ठ निर्देशक रामहृदय तिवारी को लोकरंग परिवार की ओर से मानव रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान पिछले चार दशकों से हिन्दी रंगमंच के साथ-साथ छत्तीसगढ़ी लोकमंच के क्षेत्र में उनके निरंतर योगदान व दीर्घ सेवाओं के लिए दिया गया। इस अवसर पर लोकरंग अरजुन्दा के संस्थापक संचालक दीपक चन्द्राकर ने अपनी लोकमंचीय कलायात्रा की सफलता का श्रेय अपने कलागुरु श्री तिवारी को देते हुए उन्हें महागुरु बताया। कार्यक्रम के अध्यक्ष नगपुरा पाश्वर्तीर्थ के प्रमुख रावलमल जैन मणि ने कहा कि आज की प्रस्तुति प्रेरक व प्रभावी होगी। विशिष्ट अतिथि अभ्युदय संस्थान अछोटी के दार्शनिक संत राजन महाराज ने कहा कि श्री तिवारी का सम्मान अभिव्यक्ति की ऊंचाइयों को दिया गया सम्मान है।
(विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों के आधार पर)