
छत्तीसगढ के दुर्ग मे आज भी है आजादी के दिन का समाचार पत्र जिसे सम्हाला है सक्सेरिया परिवार ने धरोहर की तरह.
15 अगस्त को स्वराज्य के सूर्योदय से दिल्ली मे रौनक
9 अगस्त को दैनिक विश्वामित्र , मुम्बई से प्रकाशित समाचार पत्र का वह ऐतिहासिक समाचार जो लोगों के मन में उत्साह व रोमांच भर रहा था ।
तब सोने की कीमत थी 98.25 रु. प्रति तोला व चान्दी का भाव था 157.25 रु.प्रति किलो . मुम्बई मे तब नीलकमल फिल्म लगी थी ! और भी कई रोचक व एतिहासिक पलो को याद करने को विवश करते इस समाचार पत्र का चित्र हम यहा प्रस्तुत कर रहे है .
हर दौर मे छत्तीसगढ के सपूतो के बलिदान, त्याग और समर्पण से मजबूत हुआ मेरा भारत
आज मै इस पावन बेला पर भाई संजीत त्रिपाठी के स्वर्गीय पिता श्री मोती लाल जी त्रिपाठी, छत्तीसगढ के वरिष्ठ स्वतंत्रता सग्राम सेनानी एवं मेरे श्वसुर जो स्व.त्रिपाठी जी के ग्रुप के कनिष्ठ सदस्य थे, स्व. श्री लक्ष्मण प्रसाद जी दुबे स्वतंत्रता सग्राम सेनानी को शत शत नमन करता हू ! उनका सम्पूर्ण जीवन आदर्श रहा उनका सन्देश निदा फाजली के इस शेर मे देखें -

हरेक घर मे दिया भी जले अनाज भी हो,
अगर न हो तो कहीं एसा तो एहतियाज भी हो .
हुकूमतों को बदलना तो कुछ मुहाल नहीं,
हुकूमतें जो बदलता है वो समाज भी हो .
पुन: शुभकामनाये !
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