आजादी मिलने के उपरांत भारत के राज्य एवं जिला मुख्यालयों में स्वतंत्रता दिवस के प्रतीक चिन्ह के रूप में जय स्तंभ का निर्माण कराया गया था, जिसमें आजादी के बाद एवं संविधान लागू किये जाने के बाद लगातार स्वतंत्रता व गणतंत्र दिवस में तिरंगा झंडा फहराया जाता है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला मुख्यालय में भी सन् 1947 में जय स्तंभ का निर्माण कराया गया जिसमें शुरूआती दौर में चार-पांच साल तक स्वतंत्रता दिवस में तिरंगा झंडा फहराया गया। इसके बाद दुर्ग जिला कार्यालय भवन व जिला न्यायालय का विस्तार किया और फिर धीरे-धीरे जय स्तंभ को भुला दिया गया।
दुर्ग जिला अधिवक्ता संघ नें इस वर्ष आजादी के प्रतीक के रूप में निर्मित इस जय स्तंभ की सुध ली। संघ के पदाधिकारियों द्वारा जिले के जिलाधीश श्रीमती रीना कंगाले जी से अनुरोध कर इस वर्ष जय स्तंभ में घ्वजा रोहण करने की अनुमति मांगी गई। जिलाधीश महोदया नें ना केवल अनुमति दी एवं आश्चर्य व्यक्त किया कि नगर व प्रशासन के लोग जय स्तंभ को भूल कैसे गये।
आज प्रात: जय स्तंभ पर लगभग पचास साल बाद दुर्ग जिला कार्यालय परिसर में स्थित जय स्तंभ पर जिला अधिवक्ता संघ, दुर्ग नें ध्वजा रोहण किया। समारोह में अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी व अधिवक्ता गण के साथ ही जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अन्य न्यायाधीशगण उपस्थित थे। इस अवसर के कुछ चित्र -
कलेक्टरेट में ध्वजारोहण |
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाओं सहित ...
संजीव तिवारी